Wednesday, 5 September 2007

'फ़र्ज़ी इंटरव्यू'

पॉयनियर और 'स्वतंत्र भारत' ने अक्तूबर 1994 में अपने एक 'फ़र्ज़ी इंटरव्यू' मे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अनंत कुमार सिंह जो तब मुज़फ़्फ़रनगर के ज़िलाधिकारी थे पर ये आरोप लगाया था कि वो महिलाओ के प्रति नकारात्मक सोच रखते है। इस मामले मे लखनऊ के चीफ़ जुडिशियल मजिस्ट्रेट ने दस साल तक चले मुक़दमे के बाद सोमवार को पॉयनियर अख़बार के तत्कालीन रिपोर्टर रमन कृपाल को एक वर्ष सश्रम कारावास और 5500 रुपए जुर्माना भरने की सज़ा सुनाई।
- ये मामला पत्रकारों के सामने एक नजीर पेश करता है। हालांकि इस मामले मे संवाददाता के साथ साथ पॉयनियर के तत्कालीन संपादक अजित भट्टाचार्य, 'स्वतंत्र भारत' के तत्कालीन संपादक घनश्याम पंकज और प्रिंटर-प्रकाशक संजीव कंवर और दीपक मुखर्जी को भी छह-छह महीने की जेल की सज़ा सुनाई गई है। संवाददाताओ के साथ साथ "Boss" को मिली सजा उन सरफिरे संपादकों और मालिकों को एक सीख है जो अपनी TRP और बिक्री के लिए रिपोर्टर का शोषण करने से नही चूकते।

1 comment:

Unknown said...

jI जी आप के लेख में पूरी सच्चाई है और न्यायालय ने जो कया सही किया