Friday, 20 July 2007

मीडिया पर दोष

आज के नवभारत टाइम्स मे " शरद यादव " का एक कॉलम आया है। इसमे उन्होने दिल्ली के हालिया सार्वजनिक बस के विवाद मे मीडिया कि भागीदारी पर अपने सुविचार रखे है। शरद यादव ने इस कॉलम मे कहा है कि दिल्ली सरकार द्वारा बेलगाम बसो पर कि गई कारवाई, सरकारी कदम न होकर मीडिया द्वारा डाले गय दबाव का नतीजा है।
- शरद यादव ने आगाह किया है कि " नालायक मीडिया " फालतू के मुद्दे उठा कर माहौल बनता है और ऐसे मे इन्हें देख कर कि गई कारवाई बेजा है।
- मान भी लेते है कि मीडिया द्वारा किसी मुद्दे का दिखाया जाना, मीडिया कि जरूरत होती है, ना कि उसकी सामाजिक जिम्मेदारी। ऐसे मे अगर मीडिया अब जन सरोकार के मुद्दे गंभीरता से ले रहा है तो उन्हें परेशानी क्यो कर हो रही है। दिल्ली कि बसो मे जिन हालातो मे आम आदमी सफ़र करता उसका अंदाजा इन नेता लोगो को नही है। अगर होता तो आज हालात इतने खराब नही होते।
- कौन नही जानता कि दिल्ली के सारे निजी बस इन्ही नेताओ के है। इन बेलगाम दौड़ती बसो से आम आदमी को बचाना, या यु कहे इनकी सच्चाई बयां करना मीडिया का काम है, और वो ये बखूबी कर रहा है।

2 comments:

36solutions said...

भाई सहीं लिखा है । शीर्ष पर विराजमान व्‍यक्तियों को तो अपने वाणी में संयम बरतना चाहिए वो भी लोकतंत्र के स्‍तंभ पर 'नालायक मीडिया' जैसे शव्‍द का प्रयोग, सर्वथा निंदनीय है । कामरान भाई देखियेगा इसके बाद भी कतिपय मीडिया कर्मी उनकी चापलूसी करते नजर आयेंगें ।

SHASHANK GAUR said...

sahi likha hai bhai