Tuesday, 21 August 2007

माया कि माया

रोमा पर रासुका के तहत मामला बना था, लेकिन माया सरकार ने २ दिन पहले रोमा पर लगे सारे आरोप वापस ले लिए और उन पुलिस वालो पर कारवाई करने का आदेश दिया है जिन्होंने भूमाफिया के शह पर रोमा पर झूठा मामला बनाया था।
अपने ही एक लोकसभा सांसद कि गिरफ़्तारी के बाद रोमा कि रिहाई का आदेश ये बताता है कि मुख्यमंत्री जनदबाव का अर्थ समझती है। दरअसल आदिवासियो कि आवाज बन कर इनकी जमीन भूमाफिया से वापस लेना रोमा कि गलती थी। कैमूर के इलाके मे अपराधी-नेता- पुलिस का ऐसा नापाक गठबंधन बन चूका है जिसमे आम लोग और भोले भाले आदिवासी पिस रहे है। मेधा पाटेकर और दुसरे जन संगठनों के लोगो से मिलने के बाद 19 तारीख को मायावती ने रोमा के रिहाई के आदेश दिए। " जो जमीन सरकारी है , वो जमीन हमारी है।" रोमा ने मायावती के ही दिए, नारे को अपनाया और आदिवासियो के हक के लिए काम करना शुरू किया।
- रोमा कि रिहाई दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार के लिये एक सीख है। वहा कुछ दिन पहले Dr. विनायक सैन को विभिन्न कानूनी धारा के अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर नक्सल गतिविधियों मे शामिल होने और उन्हें मदद देने का आरोप लगाया गया है।
- रमण सिंह सरकार को रोमा के मामले से सीख लेकर Dr विनायक सैन को आरोप मुक्त कर देना चाहिऐ।

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