
आज जब आदमी कि पहचान उस के जेब मे पडे पैसे से कि जा रही हो, ऐसे मे कथित तौर पर भूमंडलीकरण कि आंधी मे आई अमीरी ? के बीच गरीब और गरीबी कि सही तस्वीर पेश करने वाले पत्रकार "Palagummi sainath " को प्रतिष्ठित " Ramon Magsaysay Award " से नवाज़ा गया है।
- ये पुरस्कार आज के दौर मे उस ठण्डी हवा कि तरह है, जब पत्रकारो को भूतो और पिशाचो कि कहानिया लाने का दवाब झुलसाता रहा है।
- विकास कि अंधी दौर मे जब हर तरफ पैसे कि झूठी शान बघारी जा रही हो। भारत से गरीबी के "बिला" जाने का दावा किया जा रहा हो, ऐसे मे sainath कि कलम समाज को आइना दिखाने का काम कर रही है।
- इस कलम को सलाम --------
3 comments:
कलम को हमारा भी सलाम, लेकिन इन पुरस्कार देने वालों को अंग्रेजी के अलावा दूसरी भारतीय भाषाओं हुई रिपोर्टिंग व लेखन पर भी ध्यान देना चाहिए। अधिकतर बेहतर लेखन हिंदी या क्षेत्रीय भाषाओं में हुआ है लेकिन ऐसे पत्रकार अभी तक मोहताज हैं एक अदद अंतरराष्ट्रीय सम्मान के लिए। कई रिपोर्ट भाषाई पत्रों में पहले आती है, वही ब्रेक होती है लेकिन बाद में अंग्रेजी वाले उसे एक बड़े मंच पर ले जाकर पुरस्कार पा लेते हैं और दब जाता है क्षेत्रीय भाषाओं का पत्रकार और उसकी रिपोर्ट।
मैंने पढ़ा नहीं उन्हें..पर सुना है कि बहुत अच्छा काम किया है.. उनके काम को पहचाना गया सराहा गया अच्छी बात है..
कलाम को हमारा भी सलाम, अगले पोस्ट में उनके कार्यों की समुचित जानकारी भी दें तो हमें भी जानकारी होगी ।
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