Monday, 26 November 2007

हॉवर्ड कि हार

ऑस्ट्रेलिया मे हुए आम चुनाव मे दक्षिणपंथी नेता " जान हॉवर्ड " और उनका दल बुरी तरीके से हार गया है। हॉवर्ड कि ये हार मानीखेज है। 11 साल तक गठबंधन सरकार चलाने वाले हॉवर्ड ने अपने शासन मे अमरीका कि चम्पुगीरी के अलावा कुछ किया भी नही था। दरअसल ये आम चुनाव हार्वर्ड कि नीतियों पर जनमत का फैसला है।
- चुनाव मे फतह पाने वाली "लेबर पार्टी " और उसके नेता "केविन रूड " अब सत्ता संभालेंगे। चुनाव के समय रूड ने "ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव कम करने का प्रयास ", " क्योटो प्रोटोकोल पर हस्ताक्षर करने" और " इराक से सेना वापस" बुलाने का दावा किया था।
- हॉवर्ड ने इमिग्रेशन को अश्वेतो और भूरो के लिए खासा मुश्किल बना दिया था। हार्वर्ड कि हार से भारत को भी फायदा होगा। इमिग्रेशन कानून ढीला होने भारतीयों का वहा जाना आसान होगा, वही "Atomic Enregy" के मुद्दे पर भी भारत को ज्यादा सहयोग मिलने कि उम्मीद है।

2 comments:

अभय तिवारी said...

कहीं से तो कुछ अच्छी खबर आई!

Anonymous said...

VANDE MATRAM PER KUCH LIKHIYE;;;;;;;;;;;