Wednesday, 18 July 2007

आओ खेले मांगली मांगली

सुना था "रेखा " मांगलिक थी, इस लिए जिसने भी उससे शादी कि वो धरती पर रेखा कि सेवा नही कर सका। खैर रेखा कि बात बाद मे। अभी हाल मे एय्श कि शादी हुई। उसकी भी शादी मे मंगल का दोष था, इस लिये ना जाने " angry young ? man " ने किस किस से उसकी शादी करायी, फिर अपने सुपुत्र अभिषेक के साथ उसका " पाणी ग्रहण" संस्कार करवाया।

- आज हमारे न्यूज़ रूम मे भी यही बहस का विषय बना था। लड़को को तो कोई भी भली लडकी मिल जाये तो वो " तर " जाये, इसलिये न्यूज़ रूम के चन्द कुवारे ( गौर करे ये बहुत कोशिशो से बचे है) लड़को को इसमे कोई दिलचस्पी नही थी। लडकिया अपने जन्मपत्री को लेकर ऐसे बांच रही थी जैसे बनारस का कोई पंडा अपने श्री मुख से पाठ कर रहा हो। कोई बोल रही थी लड़का लड़की दोनो का मांगलिक होना बहुत शुभ होता है। तो कोई लड़को का मांगलिक होना शुभ बता रही थी।

- पता नही क्यो पढे लिखे लोग भी इस तरह के अंधविशवास को ढोते है। ये ठीक वैसे ही है जैसे बहुत से लोग नयी गाडी लेकर पहले मंदिर जाते और उसे कई तरह के निशानों से पोत लेते है। मोटे सेठ अपने यहाँ काम करने वाले मजदूरों को वाजिब पगार नही देता लेकिन , " जय माता दी" के नाम पर लाखो का दान दे देता है।
- साथ काम करने वाली इन लड़कियों कि हालत रेत मे फसे उस आदमी कि तरह है जिसे हमेशा कुछ दुरी पर पानी का नख्लिस्तान नजर आता है।

- हालांकि सभी बडे बडे अदारो से पढ़ कर आयी है। वो भी दिल्ली के कालेजो से जहा सबो का दाखिला भी नही होता। लेकिन लगता है ये सिर्फ डिग्री के एतेबार से भारी है, दिमागी एतेबार से ये ना सिर्फ ये हलकी है बल्कि खाली भी है।

3 comments:

Anonymous said...

वाह कामरान क्या बात है क्या नब्ज़ पर हाथ रखा है

36solutions said...

सही कहा कामरान भाई !

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सही विषय उठाया है।