Tuesday, 29 May 2007

मनमोहनी निवेदन-1

हां तो भाई हमारे प्रधानमंत्री ने मोटे businessmans से कहा कि आप jyada मत कमाये। फायेदा कम ले और गरीबो तक अपना juthan पहुँचने दे। ये उस प्रधानमंत्री का संबोधन है , जिन्होंने 1991 मे इन्ही लोगो के सामने लाल कालीन बिछा दी थी। एक बार तो आपने उन लोगो के मुह मे ख़ून का स्वाद लगा दिया। अब आप उनसे इल्तेजा कर रहे है कि "आप हिंदुस्तान कि गरीबी को हटाने मे अपना योगदान दे।" सत्ता हासिल करने के ३ साल तक आप कि नीतिया उद्योगपतियों के फायेदे के लिये थी। अब चार election का हारे कि होश ठिकाने आ गए। अब सुदामा बन कन्हैया को माखन लगा रहे है।

No comments: